युद्ध विनाश है
इससे नफरत कर
सभ्यताओं का करे सर्वनाश
जिसे रखा युगों से संजो कर
युद्ध कोई जवाब नहीं
है ये एक सवाल
टाल सिर पर लटकी
युद्ध की तलवार
भला न तेरा, भला न मेरा
फिर क्यों करता
ये भी मेरा, वो भी मेरा ?
मोहब्बत से जीत सकते
हैं हर युद्ध अगर
फिर क्यों तू बनाता
बैठ हथियार रात भर
शुरू या अंत में युद्ध समाप्त होता
जब हाथ मिला, हस्ताक्षर कर
तुम्हारे निशाने पर है कोई अगर
तुम भी हो किसी के निशाने पर
बर्बाद कर पृथ्वी को
खुद खड़े बर्बादी के मुहाने पर
इस धरती का क्या दोष
मासूमों का क्या दोष
सांसारिक वस्तुओं खातिर
जीवन दाँव पर लगा
कहाँ खोया हमने अपना होश
जीते तो हम अपनों के लिए हैं
वरना जानवर भी क्या कम हैं
अपने ही हाथों खोदनी पड़ती
अपनों की कब्र है
इस धरा पर सब
धरा रह जाना है
तेरा…
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Very strong worded poem.
Loved the punch :
इस धरा पर सब
धरा रह जाना है
तेरा…
This is so true…a lesson so many got in previous 6/7 months but are we the survivors taking heed!??
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Thank you.
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