ना जाने क्यों दिल मचल रहा है आज बार बार,
बस एक बार प्यार से तुम पुकार लो मेरा नाम,
अपने ममता के छाँव में पनाह दे दो तुम मुझे,
ताकि भूल जाऊँ वो दर्द जो जमाने ने दिए है मुझे।
मुझे याद हैं वो लम्हे,
जब जागी थी तुम रात भर,
अपने आँचल में छुपा कर,
मेरे हर दर्द को परे किए थे तुमने।
एक बार याद करके आज पुकार लो तुम मुझे,
भूलने की बीमारी से कुछ लम्हे चुरा लो मेरे लिए,
समेट लो मुझे अपने आलिंगन में तुम मेरी माँ,
मेरी सजा कम कर दो पास आ जाओ तुम मेरे।
जाने के बाद याद में तड़पता हैं ये दिल,
फिर पास रहने के लिए क्यों नहीं मचलता है ये दिल,
शायद पास रहने से अपनापन बढ़ता है,
इसीलिए पास आने से डरता है मेरा दिल।
एक ही तमन्ना हैं दिल में मेरे,
बस तुम ही माँ बनो…
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दिल को छूने वाली पंक्तियां ।👌👌🙏🙏
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Thank you very much for your kind words of appreciation! 🙏
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👍🌈👍
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🙏
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C’est attendrissant ce poème si maternel, très bonne journée
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Thanks for writing to me. 🙏
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