मोबाइल ने क्या छीना..

Dhananjaygangay's avatargangay's blog


उदारीकरण के बाद मोबाइल का प्रचलन एक चमत्कार से कम न था एक समय था मोबाइल भीड़ में बज जाये लोग देखने लगते थे। मोबाइल अच्छी स्टेटस का प्रतीक था। वैसे देखा जाय तो पहले से फोन था किंतु सबसे बड़ा परिवर्तन मोबाइल लेकर आया।

मोबाइल के प्रचलन से अन्तर्देशी,चिट्ठी (पत्र या पाती),टार्च,घड़ी,रेडियों, कैल्कुलेटर,कैंपस के साथ दो लोगों के बीच के इंतजार को खत्म कर दिया । किसी को कुछ सामान किसी माध्यम से पहुँचाना होता तो लोग बता देते फला ट्रेन से इस नाम के व्यक्ति जा रहे है इस कलर का कपड़ा पहने है आप उनसे स्टेशन पर इस जगह मिल लेना।

मोबाइल ने सम्बन्धों में खलल डाल दिया है। आप को लगेगा कि कैसे देखिये मनुष्य में क्रोध और राग दोनों है । मान लीजिए दो लोगों किसी बात पर अनबन हो गयी या किसी बात से नाराज है एक काल करके गुस्सा करने से सम्बन्ध खत्म।

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Published by Debasis Nayak

A natural leader who experiments a lot and cares for all ! The title of my blog is not about my blood group. It's a message to all my readers to think positive and write on my blog posts openheartedly what they think!!

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