GITA WISDOM #22 श्रीभगवानुवाच –प्रजहाति यदा कामान् सर्वान्पार्थ मनोगतान्।आत्मयेवात्मना तुष्टः स्थितप्रज्ञस्तदोच्यते॥ श्री भगवान् बोले- हे अर्जुन! जिस काल में यह पुरुष मन में स्थित सम्पूर्ण कामनाओं को भलीभाँति त्याग देता है और आत्मा से आत्मा में ही संतुष्ट रहता है, उस काल में वह स्थितप्रज्ञ कहा जाता है॥55॥ The person who is bereft of greedContinue reading “JOY WITHIN ONESELF”