रक्षाबंधन

रक्षाबंधन का अर्थ…


र = रक्षा करना बहन की ।
क्षा = क्षमा करना बहन को ।
बं = बंधन से मुक्त करना बहन को ।
ध = ध्यान रखना बहन का ।
न = नहीं भूलना बहन को ।

आज़ गया पोस्ट आफिस में, भीड़ बहुत थी पोस्ट आफिस में…;
हाथों में बंद लिफ़ाफा लिए थी, अंखियों में वो ढ़ेरों दुआएं लिए थी !
वहां कुछ महिलाएं थी, कुछ बालाएं थी, चेहरे पर सबके ही प्यारी दुलारी मुस्कान थी ।

मैं बोला पोस्ट मास्टर जी ये भीड़ कैसी दिख रही,
रंग बिरंगे कपड़े में श्रीमान ये बहने कैसी दिख रही !

पोस्ट मास्टर जी ने गुस्से में मुझे लाल आंखें दिखाई ,
बोले भैया अब तुम कौन हो भीड़ से तुमको क्या लेना भाई !
दिखा कर हाथों में बंद लिफ़ाफा भीड़ से इक बहना बोली,
सुनो ! भाई मैं बताऊं राखी आने वाली है , बंद लिफाफे में हम भरके बहुत सा प्यार लाई हैं।
हम अपने भैया को राखी संग रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं भेजने आई है ।

देर ना लगाना डाक बाबू पहुंचा देना जल्दी हम भैया के लिए रक्षा कवच लाईं हैं ।

मिलो जब तुम भैया से तो कहना मिलने बहना को तुम जल्दी आना ।
खेलेंगे बचपन का खेल, तुम वो बचपन के गुड्डे-गुड़ियां ले आना ।

ये कहते-कहते उस बहना के तो आंसू भी निकल आई थी।
सुनते-सुनते मुझको भी बचपन के दिन याद आएं थे।
अब पोस्ट मास्टर जी बोले…
बोला ना रो मत बिटिया दिल मेरा भी आहत हुआ,
लेकर प्यार तुम्हारा मैं दौड़ा दौड़ा जाऊंगा…
जहां भी हो भैया तुम्हारे देकर वापस आऊंगा !

ये सुन फ़िर से वो बहन मुस्कुराई थी….
अनमोल मोती आंखों के वो आंखों में ही वो छुपाई थी ।
ये सब देख आंखें मेरी भी भर आई थी….!!

🙏🌹❤️रक्षाबंधन❤️🌹🙏

Published by Debasis Nayak

A natural leader who experiments a lot and cares for all ! The title of my blog is not about my blood group. It's a message to all my readers to think positive and write on my blog posts openheartedly what they think!!

4 thoughts on “रक्षाबंधन

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