RECOGNISING INDIVIDUAL ATTITUDES

GITA WISDOM #24 सदृशं चेष्टते स्वस्याः प्रकृतेर्ज्ञानवानपि।प्रकृतिं यान्ति भूतानि निग्रहः किं करिष्यति॥ सभी प्राणी प्रकृति को प्राप्त होते हैं अर्थात अपने स्वभाव के परवश हुए कर्म करते हैं। ज्ञानवान्‌ भी अपनी प्रकृति के अनुसार चेष्टा करता है। फिर इसमें किसी का हठ क्या करेगा॥33॥ In any organization, employees possess distinct individual traits and discharge theirContinue reading “RECOGNISING INDIVIDUAL ATTITUDES”